भोजपुरी फिल्मों का माहौल और मिजाज़ थोड़ा अलग है... यहाँ लीक से हटाते ही दर्शकों का हाजमा बिगड़ने लगता है... ऐसे में अगर कोई लीक तोड़ने की जिद्द पर कामयाबी से अड़ा रहे, उनकी कोशिश दाद के काबिल है... अभिषेक चड्ढ़ा ऐसे ही निर्देशक हैं, जो अपनी हर फिल्मों में प्रयोग की तरजीह देते हैं... उनकी पिछली फ़िल्में 'गंगा', 'गंगोत्री', 'वाह! जीजाजी' औरअब 'गंगादेवी' इस बात का एक और सबूत पेश करेगी... उन्होंने गंगादेवी में कथानक के स्तर पर भी एक नया प्रयोग किया... फिल्म में शिवपुर के जिस महिला सरपंच गंगादेवी की कहानी को उन्होंने आधार बनाया हो, वो अपने स्तर ही एक साहसिक कदम है.... पहली बार उन्होंने बैडमैन यानि गुलशन ग्रोवर और जया बच्चन को भोजपुरी दर्शकों से रु-ब-रु कराने का भी बीड़ा उठाया... बतौर निर्देशक अभिषेक चड्ढ़ा की खासियत ये है कि वो उन चीजों से छेड़-छाड़ नहीं करते, जो भोजपुरी फिल्मों की आत्मा है... लेकिन एक तयशुदा दायरे में होने के बावजूद उनकी फ़िल्में लकीर का फकीर नज़र नहीं आती.. बहरहाल, गंगादेवी में इस बार उन्होंने दिनेशलाल यादव (निरहुआ), पाखी हेगड़े, गिरीश शर्मा, अवधेश मिश्रा और गुलशन ग्रोवर जैसे बड़े सितारों का मजमा लगाया है... इनके अलावा अमिताभ बच्चन और जया बच्चन इस फिल्म के खास आकर्षण होंगे.. अभिषेक चड्ढ़ा ने गंगादेवी में हर कलाकार को परम्परागत इमेज से बाहर निकालकर एक नया प्रयोग करने की कोशिश की है... इस एक्सपेरीमेंट में वो कितना कामयाब होते हैं ये तो वक्त ही बताएगा.
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